बिखर गया
हवा के थपेड़े से
घोंसला
मिलाऊँगा कैसे नज़र
लूट कर आई अगर
चिड़िया
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Gulzar
Wasi Shah
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(2161) Peoples Rate This
लिबास
सफ़र के ब'अद भी मुझ को सफ़र में रहना है
पस-ओ-पेश
चाँद तारे बना के काग़ज़ पर
जो अश्क बन के हमारी पलक पे बैठा था
पाँव पत्तों पे धीरे से धरता हुआ
रास्ते सिखाते हैं किस से क्या अलग रखना
मैं
दो अजनबी
ना-कर्दा गुनाह
वहाँ शायद कोई बैठा हुआ है