मौत से मिलने गले देख तो आशिक़ तेरे
बन-सँवर कर हुए तय्यार तिरे कूचे में
देख कर मौत का मंज़र ये अजब हम 'आसिम'
बन गए सूरत-ए-दीवार तिरे कूचे में
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किसी से दिल लगाने में बड़ी तकलीफ़ होती है
बैल क्या चीज़ है गधा क्या है
मर जाए मौलवी तो फ़क़त होगी फ़ातिहा
हाथ में पापड़ लिए बैठा था मैं
एक लीडर ने ये कहा मुझ से
कहानी इश्क़-ओ-मोहब्बत की ख़त्म पर आई
मैं ने कहा गधे से मियाँ कुछ पढ़ो लिखो
दिया नींद ने ऐसा आँखों को धोका
है विटामिन की कमी आशिक़ में तेरे इस क़दर
ये मंज़र देख कर बीवी ने काटा अपने शौहर को
वो हाल है हर एक बशर काँप रहा है
अगर मिल गई हूर जन्नत में मुझ को