अब्बास रिज़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्बास रिज़वी
नाम | अब्बास रिज़वी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abbas Rizvi |
जन्म स्थान | Pakistan |
वो हब्स था कि तरसती थी साँस लेने को
वहशत के इस नगर में वो क़ौस-ए-क़ुज़ह से लोग
तमाम उम्र की बे-ताबियों का हासिल था
तलब करें तो ये आँखें भी इन को दे दूँ मैं
मैं जो चुप था हमा-तन-गोश थी बस्ती सारी
क्या करूँ ख़िलअत ओ दस्तार की ख़्वाहिश कि मुझे
ख़ौफ़ ऐसा है कि दुनिया के सताए हुए लोग
एक ना-तवाँ रिश्ता उस से अब भी बाक़ी है
बहुत अज़ीज़ थी ये ज़िंदगी मगर हम लोग
अजीब तुर्फ़ा-तमाशा है मेरे अहद के लोग
ताबीर को तरसे हुए ख़्वाबों की ज़बाँ हैं
सितारे चाहते हैं माहताब माँगते हैं
मैं उस से दूर रहा उस की दस्तरस में रहा
जिस को हम समझते थे उम्र भर का रिश्ता है
जब कोई तीर हवादिस की कमाँ से आया
हम तिरे हुस्न-ए-जहाँ-ताब से डर जाते हैं
हर तरफ़ शोर-ए-फ़ुग़ाँ है कोई सुनता ही नहीं
गुज़र गया वो ज़माना वो ज़ख़्म भर भी गए
धुआँ सा फैल गया दिल में शाम ढलते ही
अहल-ए-जुनूँ थे फ़स्ल-ए-बहाराँ के सर गए