अब्दुल हफ़ीज़ नईमी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्दुल हफ़ीज़ नईमी
नाम | अब्दुल हफ़ीज़ नईमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Hafiz Naeemi |
जन्म की तारीख | 1911 |
कविताएं
Ghazal 7
Couplets 10
Love 8
Sad 10
Heart Broken 11
Hope 6
Friendship 2
Islamic 1
Social 2
ख्वाब 2
Sharab 1
ये हाथ राख में ख़्वाबों की डालते तो हो
तुम्हारे संग-ए-तग़ाफ़ुल का क्यूँ करें शिकवा
सज्दे के हर निशाँ पे है ख़ूँ सा जमा हुआ
सदा किसे दें 'नईमी' किसे दिखाएँ ज़ख़्म
मिरे ख़्वाबों की चिकनी सीढ़ियों पर
मिरे ख़ुलूस पे शक की तो कोई वज्ह नहीं
माज़ी के रेग-ज़ार पे रखना सँभल के पाँव
मैं भी इस सफ़्हा-ए-हस्ती पे उभर सकता हूँ
खड़ा हुआ हूँ सर-ए-राह मुंतज़िर कब से
हुस्न इक दरिया है सहरा भी हैं उस की राह में
इस तिलिस्म-ए-रोज़-ओ-शब से तो कभी निकलो ज़रा
होंकते दश्त में इक ग़म का समुंदर देखो
हर इंसाँ अपने होने की सज़ा है
ग़ुबार-ए-दर्द से सारा बदन अटा निकला
गर्द-ए-फ़िराक़ ग़ाज़ा कश-ए-आइना न हो
दुआ को हाथ मिरा जब कभी उठा होगा
बहार बन के ख़िज़ाँ को न यूँ दिलासा दे