अबुल हसनात हक़्क़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अबुल हसनात हक़्क़ी
नाम | अबुल हसनात हक़्क़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abul Hasanat Haqqi |
जन्म स्थान | Kanpur |
कविताएं
Ghazal 11
Couplets 8
Love 8
Sad 11
Heart Broken 12
Bewafa 1
Hope 1
Friendship 5
बारिश 1
ख्वाब 3
ये सच है उस से बिछड़ कर मुझे ज़माना हुआ
ये बात अलग है किसी धारे पे नहीं है
वो कश्ती से देते थे मंज़र की दाद
वो आ रहा था मगर मैं निकल गया कहीं और
मेरी वहशत भी सकूँ-ना-आश्ना मेरी तरह
मैं क़त्ल हो के भी शर्मिंदा अपने-आप से हूँ
जाने क्या सूरत-ए-हालात रक़म थी उस में
बे-नियाज़-ए-दहर कर देता है इश्क़
ये इक और हम ने क़रीना किया
ये इक और हम ने क़रीना किया
तमाम हिज्र उसी का विसाल है उस का
शिकस्त-ए-अहद पर इस के सिवा बहाना भी क्या
शब को हर रंग में सैलाब तुम्हारा देखें
फूल का या संग का इज़हार कर
नुमू तो पहले भी था इज़्तिराब मैं ने दिया
नक़्श-ए-यक़ीं तिरा वजूद-ए-वहम बुझा गुमाँ बुझा
दिल को हम दरिया कहें मंज़र-निगारी और क्या
बे-नियाज़-ए-दहर कर देता है इश्क़
बे-नियाज़ दहर कर देता है इश्क़