आफ़ताब शाह आलम सानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आफ़ताब शाह आलम सानी

आफ़ताब शाह आलम सानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आफ़ताब शाह आलम सानी
नामआफ़ताब शाह आलम सानी
अंग्रेज़ी नामAftab Shah Alam Sani
जन्म की तारीख1728
मौत की तिथि1806
जन्म स्थानDelhi

या साल ओ माह था तू मिरे साथ या तो अब

घर ग़ैर के जो यार मिरा रात से गया

पाता नहीं हूँ और किसी काम से लज़्ज़त

मेरे गले से आन के प्यारा जो फिर लगे

कल का वादा न करो दिल मिरा बेकल न करो

कहो बुलबुल को ले जावे चमन से आशियाँ अपना

जब वो नज़रें दो-चार होती हैं

गो सुध नहीं उस शोख़ सितमगर ने सँभाली

घर ग़ैर के जो यार मिरा रात से गया

देखो तो किस अदा से रुख़ पर हैं डाली ज़ुल्फ़ें

आजिज़ हूँ तिरे हाथ से क्या काम करूँ मैं

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