Love Poetry of Ahmad Kamran

Love Poetry of Ahmad Kamran
नामअहमद कामरान
अंग्रेज़ी नामAhmad Kamran
जन्म की तारीख1976
जन्म स्थानDepalpur, Pakistan

तू ने ऐ इश्क़ ये सोचा कि तिरा क्या होगा

रास आएगी मोहब्बत उस को

कुर्रा-ए-हिज्र से होना है नुमूदार मुझे

चाहिए है मुझे इंकार-ए-मोहब्बत मिरे दोस्त

ये जो बेदार दिखाई दिया हूँ

तुम्हारे हिज्र को काफ़ी नहीं समझता मैं

तेरे हिस्से के भी सदमात उठा लेता हूँ

मिट्टी से बग़ावत न बग़ावत से गुरेज़ाँ

कोई मंसब कोई दस्तार नहीं चाहिए है

ख़्वाब यूँ ही नहीं होते पूरे

दाना-ए-गंदुम-ए-बेदार उठाने लगा हूँ

चराग़ ताक़-ए-तिलिस्मात में दिखाई दिया

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