अकबर अली खान अर्शी जादह कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अकबर अली खान अर्शी जादह
नाम | अकबर अली खान अर्शी जादह |
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अंग्रेज़ी नाम | Akbar Ali Khan Arshi Zadah |
कविताएं
Ghazal 14
Love 12
Sad 11
Heart Broken 14
Bewafa 2
Hope 6
Friendship 1
Islamic 5
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 3
Sharab 1
ये तन घिरा हुआ छोटे से घर में रहता है
ये शौक़ सारे यक़ीन-ओ-गुमाँ से पहले था
वही गुमाँ है जो उस मेहरबाँ से पहले था
तुम्हारे दिल की तरह ये ज़मीन तंग नहीं
तेरा ख़याल जाँ के बराबर लगा मुझे
सिखा सकी न जो आदाब-ए-मय वो ख़ू क्या थी
सज़ा है किस के लिए और जज़ा है किस के लिए
सन्नाटा तूफ़ाँ से सिवा हो ये भी तो हो सकता है
मिरे ख़्वाबों में ख़यालों में मिरे पास रहो
किया है मैं ने तआ'क़ुब वो सुब्ह-ओ-शाम अपना
ख़ुश-रंग किस क़दर ख़स-ओ-ख़ाशाक थे कभी
कभी ज़ख़्म ज़ख़्म निखर के देख कभी दाग़ दाग़ सँवर के देख
हुस्न ही के दम से हैं ये कहानियाँ सारी
आज यूँ मुझ से मिला है कि ख़फ़ा हो जैसे