तजस्सुस

इस सराए में मुसाफ़िर का क़याम

एक लम्हा बे-यक़ीनी का

जिस को जन्नत या जहन्नम जो भी कह लो

क्या किसी पे इंहिसार

हर कोई अपने अमल का ज़िम्मेदार

भूल कर भी ये न सोचो

कि मुक़द्दर भी बनाता है कोई

वर्ना जो है सामने चुप-चाप देखो

क्या भला है क्या बुरा

जब तलक सहने की ताक़त है सहो

हाल-ए-दिल अपना किसी से मत कहो

अब तो रस्मन ही ज़बाँ पर पुर्सिश-ए-अहवाल है

दम दिलासा प्यार हमदर्दी ख़ुलूस

ऐसे सब अल्फ़ाज़ सीने की लुग़त से उड़ चुके हैं

इस सराए में मुसाफ़िर का क़याम

मौत के खटके से मर जाने का नाम!

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Tajassus In Hindi By Famous Poet Akhtar Rahi. Tajassus is written by Akhtar Rahi. Complete Poem Tajassus in Hindi by Akhtar Rahi. Download free Tajassus Poem for Youth in PDF. Tajassus is a Poem on Inspiration for young students. Share Tajassus with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.