बे-ख़तर कूद पड़ा आतिश-ए-नमरूद में इश्क़
अक़्ल है महव-ए-तमाशा-ए-लब-ए-बाम अभी
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अगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा
दिल-ए-बेदार फ़ारूक़ी दिल-ए-बेदार कर्रारी
गर्म-ए-फ़ुग़ाँ है जरस उठ कि गया क़ाफ़िला
अनोखी वज़्अ' है सारे ज़माने से निराले हैं
ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी
हम को तो मयस्सर नहीं मिट्टी का दिया भी
इसी ख़ता से इताब-ए-मुलूक है मुझ पर
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
जवानों को मिरी आह-ए-सहर दे
ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र-ओ-नाज़ नहीं
हिन्दुस्तानी बच्चों का क़ौमी गीत
मीर-ए-सिपाह ना-सज़ा लश्करियाँ शिकस्ता सफ़