अम्बरीन सलाहुद्दीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अम्बरीन सलाहुद्दीन

अम्बरीन सलाहुद्दीन  कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अम्बरीन सलाहुद्दीन
नामअम्बरीन सलाहुद्दीन
अंग्रेज़ी नामAmbarin Salahuddin

रेत है सूरज है वुसअत है तन्हाई

वहशत

सर-ए-मिज़्गाँ

'क़ुर्रतुल-ऐन-हैदर'

खिड़की

जो रही सो बे-ख़बरी रही

जंगल

जहाँ मैं खड़ी थी

इंतिसाब

एक कहानी

दस्तरस

उस के ध्यान की दिल में प्यास जगा ली जाए

रस्ता रोकती ख़ामोशी ने कौन सी बात सुनानी है

मिरी आँखों में मंज़र धुल रहा था

क्यूँ अम्बर की पहनाई में चुप की राह टटोलें

कोई एहसास मुकम्मल नहीं रहने देता

जब मिरे शहर की हर शाम ने देखा उस को

जब अश्कों में सदाएँ ढल रही थीं

हम सितारों में तिरा अक्स ना ढलने देंगे

चाँद उभरेगा तो फिर हश्र दिखाई देगा

बहुत बे-ज़ार होती जा रही हूँ

बाम से ढल चुका है आधा दिन

असीर-ए-ख़्वाब नई जुस्तुजू के दर खोलें

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