ख़ुद को हर आरज़ू के उस पार कर लिया है

ख़ुद को हर आरज़ू के उस पार कर लिया है

हम ने अब उस का साया दीवार कर लिया है

जाती थी मेरे दिल से जो तेरे आस्ताँ तक

दुनिया ने उस गली में बाज़ार कर लिया है

दे दाद आ के बाहर शह-ए-रग से ख़ूँ हमारा

उस ने जो अपना चेहरा गुलनार कर लिया है

बस चश्म-ए-ख़ूँ-फ़िशाँ को मिलते नहीं हैं आँसू

वर्ना तिरा मुरक्कब तय्यार कर लिया है

है वज्ह-ए-कज-कुलाही तौक़-ए-गुलू हमारा

ज़ंजीर-ए-पा को अपनी तलवार कर लिया है

महसूस कर रहा हूँ ख़ारों में क़ैद ख़ुशबू

आँखों को तेरी जानिब इक बार कर लिया है

इस बार वो भी हम से इंकार कर न पाया

हम ने भी अब की उस से इक़रार कर लिया है

(1163) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

KHud Ko Har Aarzu Ke Us Par Kar Liya Hai In Hindi By Famous Poet Ameer Imam. KHud Ko Har Aarzu Ke Us Par Kar Liya Hai is written by Ameer Imam. Complete Poem KHud Ko Har Aarzu Ke Us Par Kar Liya Hai in Hindi by Ameer Imam. Download free KHud Ko Har Aarzu Ke Us Par Kar Liya Hai Poem for Youth in PDF. KHud Ko Har Aarzu Ke Us Par Kar Liya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share KHud Ko Har Aarzu Ke Us Par Kar Liya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.