Love Poetry of Amir Nazar

Love Poetry of Amir Nazar
नामआमिर नज़र
अंग्रेज़ी नामAmir Nazar
जन्म की तारीख1990
जन्म स्थानpatna, bihar

ज़मीं के जिस्म पे यूँ यूरिश-ए-क़ज़ा कब तक

यूँ तो बिखरे थे मगर कुछ तो कहीं पर कुछ था

तअ'ल्लुक़ात के सारे दिए बुझे हुए थे

शब को जब यूरिश-ए-विज्दान में आ जाते हैं

नुक़्ता-ए-बे-नूर ने मिनहाज-ए-इम्काँ कर दिया

कुछ सुलगते हुए ख़्वाबों की फ़रावानी है

खुला है तेरे बदन का भी इस्तिआरा कुछ

ख़ेमा-ए-जाँ को जो देखूँ तो शरर-बार लगे

ख़ामोशियों को आलम-ए-अस्वात पर कभी

जो भी कुछ ताक़-ए-ख़यालात पे रह जाते हैं

जबीं को चैन कहाँ ज़ेर-ए-लब दुआ है बस

हम कि सरमाया-ए-ईक़ान लिए बैठे हैं

हमारे चेहरों में पिन्हाँ हैं ज़ाविए क्या क्या

फ़िशार-ए-तीरह-शबी से सहर निकल आए

एक इक तार-ए-नफ़स आशुफ़्ता-ए-आहंग था

दश्त के खेमा-ए-दरिया में मकीं कोई था

दरपेश तो हैं दीदा-ए-हैरान हज़ारों

बोसीदा सही ज़ेब-ए-क़बा तक नहीं आती

आमिर नज़र Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आमिर नज़र. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आमिर नज़र. Share the आमिर नज़र Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.