अंजुम सलीमी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अंजुम सलीमी (page 2)
नाम | अंजुम सलीमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anjum Saleemi |
जन्म की तारीख | 1963 |
जन्म स्थान | Faislabad |
मैं चीख़ता रहा कुछ और भी है मेरा इलाज
मैं अंधेरे में हूँ मगर मुझ में
मैं आज ख़ुद से मुलाक़ात करने वाला हूँ
कुछ तो खिंची खिंची सी थी साअत विसाल की
किसी तरह से नज़र मुतमइन नहीं होती
किसी तरह से मैं टल जाऊँ अपनी मर्ज़ी से
किस ज़माने में मुझ को भेज दिया
किस शफ़क़त में गुँधे हुए मौला माँ बाप दिए
किस ने आबाद किया है मरी वीरानी को
ख़्वाब शर्मिंदा-ए-विसाल हुआ
खुली हुई है जो कोई आसान राह मुझ पर
ख़ुद तक मिरी रसाई नहीं हो रही अभी
कर रहा हूँ तुझे ख़ुशी से बसर
कैसी होती हैं उदासी की जड़ें
कहो हवा से कि इतनी चराग़-पा न फिरे
कहने सुनने के लिए और बचा ही क्या है
जस्त भरता हुआ फ़र्दा के दहाने की तरफ़
जब ख़ुदा भी नहीं था साथ मरे
जाने तोड़े थे किस ने किस के लिए
इतना तरसाया गया मुझ को मोहब्बत से कि अब
इतना बे-ताब न हो मुझ से बिछड़ने के लिए
इश्क़ फ़रमा लिया तो सोचता हूँ
हिज्र में भी हम एक दूसरे के
हिज्र को बीच में नहीं छोड़ा
हर तरफ़ तू नज़र आता है जिधर जाता हूँ
हाँ ज़माने की नहीं अपनी तो सुन सकता था
एक ताबीर की सूरत नज़र आई है इधर
एक दिन मेरी ख़ामुशी ने मुझे
एक बे-नाम उदासी से भरा बैठा हूँ
दोस्तो मेरे लिए कोई भी अफ़्सुर्दा न हो