Heart Broken Poetry of Anjum Saleemi

Heart Broken Poetry of Anjum Saleemi
नामअंजुम सलीमी
अंग्रेज़ी नामAnjum Saleemi
जन्म की तारीख1963
जन्म स्थानFaislabad

वो इक दिन जाने किस को याद कर के

उठाए फिरता रहा मैं बहुत मोहब्बत को

उदासी खींच लाई है यहाँ तक

तू मिरे सब्र का अंदाज़ा लगा सकता है

ठीक से याद भी नहीं अब तो

पत्थर में कौन जोंक लगाएगा मेरे दोस्त

मुझे पता है कि बर्बाद हो चुका हूँ मैं

ख़्वाब शर्मिंदा-ए-विसाल हुआ

कहने सुनने के लिए और बचा ही क्या है

इतना बे-ताब न हो मुझ से बिछड़ने के लिए

इश्क़ फ़रमा लिया तो सोचता हूँ

हिज्र में भी हम एक दूसरे के

हिज्र को बीच में नहीं छोड़ा

हर तरफ़ तू नज़र आता है जिधर जाता हूँ

दोस्तो मेरे लिए कोई भी अफ़्सुर्दा न हो

विसाल की तीसरी सम्त

टूटे हुए प्याले

तन्हाई का सफ़रनामा

तख़्लीक़ की साअतों में

सरगोशी

पुर्सा

पानी की आवाज़

मुहाजिर परिंदों का स्वागत

मैं तुम्हारे लिए ले के आया हूँ

मैं और मेरी तन्हाई

इंहिराफ़

हम बे-वतन ख़्वाबों के जोलाहे हैं

गिर्या

एक साकित रात का अज़ाब

एक क़दीम ख़याली की निगरानी में

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