Hope Poetry of Anjum Saleemi

Hope Poetry of Anjum Saleemi
नामअंजुम सलीमी
अंग्रेज़ी नामAnjum Saleemi
जन्म की तारीख1963
जन्म स्थानFaislabad

तू मिरे सब्र का अंदाज़ा लगा सकता है

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है

मैं जिस चराग़ से बैठा था लौ लगाए हुए

मैं एक एक तमन्ना से पूछ बैठा हूँ

मैं चीख़ता रहा कुछ और भी है मेरा इलाज

कहो हवा से कि इतनी चराग़-पा न फिरे

हाँ ज़माने की नहीं अपनी तो सुन सकता था

विसाल की तीसरी सम्त

तन्हाई का सफ़रनामा

सरगोशी

सारा शगुफ़्ता

पुर्सा

पानी की आवाज़

काश

गिर्या

एक क़दीम ख़याली की निगरानी में

एक महबूस नज़्म

एक और मुुहब्बत....

आइंदगाँ की उदासी में

आधी मौत का जन्म

ये मोहब्बत का जो अम्बार पड़ा है मुझ में

सहर को खोज चराग़ों पे इंहिसार न कर

सब को अपने ज़ेहन से झटका ख़ुद को याद किया

रात तिरे ख़्वाबों ने मुझ पर यूँ अर्ज़ानी की

ख़ुद अपने हाथ से क्या क्या हुआ नहीं मिरे साथ

ख़ाक छानी न किसी दश्त में वहशत की है

कल तो तिरे ख़्वाबों ने मुझ पर यूँ अर्ज़ानी की

काग़ज़ था मैं दिए पे मुझे रख दिया गया

इन दिनों ख़ुद से फ़राग़त ही फ़राग़त है मुझे

हवा का तख़्त बिछाता हूँ रक़्स करता हूँ

अंजुम सलीमी Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अंजुम सलीमी. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अंजुम सलीमी. Share the अंजुम सलीमी Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.