Love Poetry of Anjum Saleemi

Love Poetry of Anjum Saleemi
नामअंजुम सलीमी
अंग्रेज़ी नामAnjum Saleemi
जन्म की तारीख1963
जन्म स्थानFaislabad

ये मोहब्बत का जो अम्बार पड़ा है मुझ में

ये भी आग़ाज़-ए-मोहब्बत में बहुत है मुझ को

उठाए फिरता रहा मैं बहुत मोहब्बत को

ठीक से याद भी नहीं अब तो

शब-ए-जमाल सलामत रहें तिरे परी-ज़ाद

मुझे पता है कि बर्बाद हो चुका हूँ मैं

मेरी मिट्टी से बहुत ख़ुश हैं मिरे कूज़ा-गर

मैं सब का सब मोहब्बत के लिए हूँ

मैं दिल-ए-गिरफ़्ता तुझे गुनगुनाता रहता हूँ

किसी तरह से नज़र मुतमइन नहीं होती

किस ने आबाद किया है मरी वीरानी को

कर रहा हूँ तुझे ख़ुशी से बसर

इतना तरसाया गया मुझ को मोहब्बत से कि अब

इश्क़ फ़रमा लिया तो सोचता हूँ

हर तरफ़ तू नज़र आता है जिधर जाता हूँ

एक ताबीर की सूरत नज़र आई है इधर

दोस्तो मेरे लिए कोई भी अफ़्सुर्दा न हो

तन्हाई का सफ़रनामा

सारा शगुफ़्ता

पुर्सा

मुहाजिर परिंदों का स्वागत

मेरी बे-लिबासी तुम्हारा पहनावा नहीं

मैं और मेरी तन्हाई

काश

इंहिराफ़

हम बे-वतन ख़्वाबों के जोलाहे हैं

गिर्या

एक क़दीम ख़याली की निगरानी में

एक महबूस नज़्म

एक और मुुहब्बत....

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