अनवर मसूद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अनवर मसूद (page 2)
नाम | अनवर मसूद |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Masood |
जन्म की तारीख | 1935 |
नज़दीक की ऐनक से उसे कैसे मैं ढूँडूँ
मस्जिद का ये माइक जो उठा लाए हो ऐ 'अनवर'
मैं ने 'अनवर' इस लिए बाँधी कलाई पर घड़ी
मैं अपने दुश्मनों का किस क़दर मम्नून हूँ 'अनवर'
जुदा होगी कसक दिल से न उस की
जो हँसना हँसाना होता है
जाने किस रंग से रूठेगी तबीअत उस की
इस वक़्त वहाँ कौन धुआँ देखने जाए
इधर से लिया कुछ उधर से लिया
हाँ मुझे उर्दू है पंजाबी से भी बढ़ कर अज़ीज़
हमें क़रीना-ए-रंजिश कहाँ मयस्सर है
डूबे हुए तारों पे मैं क्या अश्क बहाता
दोस्तो इंग्लिश ज़रूरी है हमारे वास्ते
दिल सुलगता है तिरे सर्द रवय्ये से मिरा
दिल जो टूटेगा तो इक तरफ़ा चराग़ाँ होगा
बे-हिर्स-ओ-ग़रज़ क़र्ज़ अदा कीजिए अपना
'अनवर' उस ने न मैं ने छोड़ा है
'अनवर' मिरी नज़र को ये किस की नज़र लगी
अजीब लुत्फ़ था नादानियों के आलम में
ऐ दिल-ए-नादाँ किसी का रूठना मत याद कर
आस्तीनों की चमक ने हमें मारा 'अनवर'
आसमाँ अपने इरादों में मगन है लेकिन
आँखें भी हैं रस्ता भी चराग़ों की ज़िया भी
आइना देख ज़रा क्या मैं ग़लत कहता हूँ
मेरी पहली नज़्म
घर
उसे तो पास-ए-ख़ुलूस-ए-वफ़ा ज़रा भी नहीं
उस हसीं के ख़याल में रहना
तय हो गया है मसअला जब इंतिसाब का
सोचना रूह में काँटे से बिछाए रखना