Funny Poetry of Anwar Masood

Funny Poetry of Anwar Masood
नामअनवर मसूद
अंग्रेज़ी नामAnwar Masood
जन्म की तारीख1935

यही तो दोस्तो ले दे के मेरा बिज़नेस है

उन के बग़ैर फ़स्ल-ए-बहाराँ भी बर्गरीज़

उजड़ा सा वो नगर कि हड़प्पा है जिस का नाम

थुरू-प्रॉपर चैनल

ताज़ा ख़बर

सुपर-मैन

मोटे शीशों की नाक पे ऐनक

माहिर-ए-अमराज़-ए-चश्म

लुत्फ़-ए-नज़्ज़रा है ए दोस्त इसी के दम से

लोग तो रहते हैं हर लम्हा टोह में ऐसी बातों की

कभी हो गया मयस्सर न हुआ कभी मयस्सर

जो चोट भी लगी है वो पहली से बढ़ के थी

जौहर ओ जवाहिर

जन्नत से निकाला हमें गंदुम की महक ने

एजाज़-ए-इज्ज़

दुआ

दाख़िल-ए-दफ़्तर

दफ़अतन 'अनवर' ख़याल आया है आज उस मुर्ग़ का

भूले से हो गई है अगरचे ये उस से बात

बख़िया तो उस से एक भी सीधा नहीं लगा

आप कराएँ हम से बीमा छोड़ें सब अंदेशों को

बजट मैं ने देखे हैं सारे तिरे

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