आरिफ़ शफ़ीक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आरिफ़ शफ़ीक़
नाम | आरिफ़ शफ़ीक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Arif Shafiq |
जन्म की तारीख | 1956 |
कविताएं
Ghazal 9
Couplets 8
Love 10
Sad 9
Heart Broken 11
Bewafa 1
Hope 2
Islamic 3
Social 1
ख्वाब 5
तुझे मैं ज़िंदगी अपनी समझ रहा था मगर
मुझ को वैसा ख़ुदा मिला बिल्कुल
कैसा मातम कैसा रोना मिट्टी का
जो मेरे गाँव के खेतों में भूक उगने लगी
ग़रीब-ए-शहर तो फ़ाक़े से मर गया 'आरिफ़'
अपने दरवाज़े पे ख़ुद ही दस्तकें देता है वो
अंधे अदम वजूद के गिर्दाब से निकल
'आरिफ़'-हुसैन धोका सही अपनी ज़िंदगी
तू ज़मीं पर है कहकशाँ जैसा
कैसा मातम कैसा रोना मिट्टी का
जो अपनी ख़्वाहिशों में तू ने कुछ कमी कर ली
जब भी दुश्मन बन के इस ने वार किया
हमें नज़दीक कब दिल की मोहब्बत खींच लाती है
घर से चीख़ें उठ रही थीं और मैं जागा न था
दोज़ख़ भी क्या गुमान है जन्नत भी है फ़रेब
बादबाँ को गिला हवाओं से
अंधे अदम वजूद के गिर्दाब से निकल