अर्श सहबाई कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अर्श सहबाई

अर्श सहबाई कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अर्श सहबाई
नामअर्श सहबाई
अंग्रेज़ी नामArsh Sahbai

ज़िंदगी कुछ सोज़ है कुछ साज़ है

ये देखें राज़-ए-दिल अब कौन करता है अयाँ पहले

ये आइना था मगर ग़म की रहगुज़ार में था

उन से इज़हार-ए-शिकायत करूँ या न करूँ

नूर-अफ़शाँ है वो ज़ुल्मत में उजालों की तरह

मस्ती-ए-बादा-ए-गुलफ़ाम से वाबस्ता रही

मैं हूँ ऐसे बिखरा सा

कश्ती-ए-दिल नज़्र-ए-तूफ़ाँ हो गई

हज़ार हादसात-ए-ग़म रवाँ-दवाँ लिए हुए

हंगामा-हा-ए-बादा-ओ-पैमाना देख कर

दिल-ए-मुज़्तर से नालाँ हैं उधर वो भी इधर हम भी

दिल-ए-बेताब को बहलाने चले आए हैं

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