असअ'द बदायुनी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का असअ'द बदायुनी
नाम | असअ'द बदायुनी |
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अंग्रेज़ी नाम | Asad Badayuni |
जन्म की तारीख | 1952 |
मौत की तिथि | 2003 |
जन्म स्थान | Aligarh |
ये ताएरों की क़तारें किधर को जाती हैं
वो सारी बातें मैं अहबाब ही से कहता हूँ
वहाँ भी मुझ को ख़ुदा सर-बुलंद रखता है
तकल्लुफ़ात की नज़्मों का सिलसिला है सिवा
सुख़न-वरी का बहाना बनाता रहता हूँ
शाख़ से टूट के पत्ते ने ये दिल में सोचा
सब इक चराग़ के परवाने होना चाहते हैं
पुराने घर की शिकस्ता छतों से उकता कर
फूलों की ताज़गी ही नहीं देखने की चीज़
परिंद पेड़ से परवाज़ करते जाते हैं
परिंद क्यूँ मिरी शाख़ों से ख़ौफ़ खाते हैं
मोहब्बतें भी उसी आदमी का हिस्सा थीं
मेरी रुस्वाई के अस्बाब हैं मेरे अंदर
मिरे बदन पे ज़मानों की ज़ंग है लेकिन
लेता नहीं किसी का पस-ए-मर्ग कोई नाम
कोई हमदम नहीं दुनिया में लेकिन
कभी मौज-ए-ख़्वाब में खो गया कभी थक के रेत पे सो गया
जिसे पढ़ते तो याद आता था तेरा फूल सा चेहरा
जिसे न मेरी उदासी का कुछ ख़याल आया
जम गई धूल मुलाक़ात के आईनों पर
जब तलक आज़ाद थे हर इक मसाफ़त थी वबाल
हवा के अपने इलाक़े हवस के अपने मक़ाम
हवा दरख़्तों से कहती है दुख के लहजे में
ग़ैरों को क्या पड़ी है कि रुस्वा करें मुझे
गाँव की आँख से बस्ती की नज़र से देखा
देखने के लिए सारा आलम भी कम
चश्म-ए-इंकार में इक़रार भी हो सकता था
चमन वही कि जहाँ पर लबों के फूल खिलें
बिछड़ के तुझ से किसी दूसरे पे मरना है
बहुत से लोगों को मैं भी ग़लत समझता हूँ