आसिमा ताहिर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आसिमा ताहिर
नाम | आसिमा ताहिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Asima Tahir |
कविताएं
Ghazal 10
Nazam 2
Couplets 12
Love 9
Sad 12
Heart Broken 12
Bewafa 1
Hope 3
Islamic 1
Sufi 1
ख्वाब 4
Sharab 1
शाम खुलती है तेरे आने से
शहज़ादी के कानों में जो बात कही थी इक तू ने
नहीं वो इतना भी पागल नहीं था
मुझ को ख़्वाबों के बाग़ में ला कर
मिरे वजूद के अंदर है इक क़दीम मकान
ख़्वाब का इंतिज़ार ख़त्म हुआ
ख़ुश्बू जैसी रात ने मेरा
हम ने जब हाल-ए-दिल उन से अपना कहा
डूबने की न तैरने की ख़बर
चुभ रही है अँधेरी रात मुझे
बाम-ओ-दर पर उतरने वाली धूप
आइने पर तो है भरोसा मुझे
नज़्म
नज़्म
ज़ख़्म खा के भी मुस्कुराते हैं
ये सोचा ही नहीं था तिश्नगी में
तेरी यादें बहाल रखती है
सुनहरी धूप से चेहरा निखार लेती हूँ
सदियों को बेहाल किया था
पौ फटते ही ट्रेन की सीटी जब कानों में गूँजती है
किस के मातम में रो रही है रात
ख़ुद मैं धूनी रमाए बैठी हूँ
अपनी हालत पे आँसू बहाने लगे
अपनी आँखें जो बंद कर देखूँ