अता शाद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अता शाद

अता शाद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अता शाद
नामअता शाद
अंग्रेज़ी नामAta Shad
जन्म की तारीख1939
मौत की तिथि1997
जन्म स्थानQuetta,Pakistan

वो क्या तलब थी तिरे जिस्म के उजाले की

दिलों के दर्द जगा ख़्वाहिशों के ख़्वाब सजा

दिल वो सहरा है जहाँ हसरत-ए-साया भी नहीं

दर्द की धूप में सहरा की तरह साथ रहे

ज़िंदगी आईना है आईना-आराई है

यक लम्हा सही उम्र का अरमान ही रह जाए

पारसाओं ने बड़े ज़र्फ़ का इज़हार किया

मैं ज़ख़्म ज़ख़्म रहूँ रूह के ख़राबों से

गहरी है शब की आँच कि ज़ंजीर-ए-दर कटे

दिलों के दर्द जगा ख़्वाहिशों के ख़्वाब सजा

चोब-ए-सहरा भी वहाँ रश्क-ए-समर कहलाए

चोब-ए-सहरा भी वहाँ रश्क-ए-समर कहलाए

बड़ा कठिन है रास्ता जो आ सको तो साथ दो

Ata Shad Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Ata Shad including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Ata Shad. Free Download all kind of Ata Shad Poetry in PDF. Best of Ata Shad Poetry in Hindi. Ata Shad Ghazals and Inspirational Nazams for Students.