अतुल अजनबी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अतुल अजनबी
नाम | अतुल अजनबी |
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अंग्रेज़ी नाम | Atul Ajnabi |
भली हो या कि बुरी हर नज़र समझता है
ये रहबर आज भी कितने पुराने लगते हैं
सफ़र हो शाह का या क़ाफ़िला फ़क़ीरों का
पत्तों को छोड़ देता है अक्सर ख़िज़ाँ के वक़्त
किसी दरख़्त से सीखो सलीक़ा जीने का
अजब ख़ुलूस अजब सादगी से करता है
निगाह कोई तो तूफ़ाँ में मेहरबान सी है
इक थकन क़ुव्वत-ए-इज़हार में आ जाती है