बशीर फ़ारूक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बशीर फ़ारूक़ी
नाम | बशीर फ़ारूक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bashir Farooqi |
जन्म की तारीख | 1939 |
जन्म स्थान | Lucknow |
कविताएं
Ghazal 6
Couplets 6
Love 3
Sad 4
Heart Broken 6
Bewafa 2
Hope 5
Friendship 1
Sufi 1
ख्वाब 2
Sharab 1
तज़्किरे में तिरे इक नाम को यूँ जोड़ दिया
पहले हम ने घर बना कर फ़ासले पैदा किए
हम तेरे पास आ के परेशान हैं बहुत
चले भी आओ कि ये डूबता हुआ सूरज
अजब सी आग थी जलता रहा बदन सारा
आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास
तज़्किरे में तिरे इक नाम को यूँ जोड़ दिया
शहर-ए-फ़स्ल-ए-गुल से चल कर पत्थरों के दरमियाँ
मिरे बदन में छुपी आग को हवा देगा
मैं जितनी देर तिरी याद में उदास रहा
लोगो हम छान चुके जा के समुंदर सारे
अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं