बशीर फ़ारूक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बशीर फ़ारूक़ी

बशीर फ़ारूक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बशीर फ़ारूक़ी
नामबशीर फ़ारूक़ी
अंग्रेज़ी नामBashir Farooqi
जन्म की तारीख1939
जन्म स्थानLucknow

तज़्किरे में तिरे इक नाम को यूँ जोड़ दिया

पहले हम ने घर बना कर फ़ासले पैदा किए

हम तेरे पास आ के परेशान हैं बहुत

चले भी आओ कि ये डूबता हुआ सूरज

अजब सी आग थी जलता रहा बदन सारा

आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास

तज़्किरे में तिरे इक नाम को यूँ जोड़ दिया

शहर-ए-फ़स्ल-ए-गुल से चल कर पत्थरों के दरमियाँ

मिरे बदन में छुपी आग को हवा देगा

मैं जितनी देर तिरी याद में उदास रहा

लोगो हम छान चुके जा के समुंदर सारे

अब के जुनूँ में लज़्ज़त-ए-आज़ार भी नहीं

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