दुनिया में दिल लगा के बहुत सोचते रहे

दुनिया में दिल लगा के बहुत सोचते रहे

काँटों को गुदगुदा के बहुत सोचते रहे

कल सुब्ह एक शाख़ ये दो अध-खिला गुलाब

थोड़ा सा मुस्कुरा के बहुत सोचते रहे

क्या जाने चाँदनी ने सितारों से क्या कहा

शब-भर वो सर झुका के बहुत सोचते रहे

टूटा कहीं जो शाख़ से ग़ुंचा तो हम वहीं

पहलू में दिल दबा के बहुत सोचते रहे

क्या जाने किस लिए वो नज़र के सवाल पर

हम से नज़र बचा के बहुत सोचते रहे

इतना तो याद है कि मोहब्बत के ज़िक्र पर

होंटों को वो दबा के बहुत सोचते रहे

हाथों से गिर के चूर हुआ जाम जब 'कँवल'

टुकड़े उठा उठा के बहुत सोचते रहे

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Duniya Mein Dil Laga Ke Bahut Sochte Rahe In Hindi By Famous Poet D. Raj Kanwal. Duniya Mein Dil Laga Ke Bahut Sochte Rahe is written by D. Raj Kanwal. Complete Poem Duniya Mein Dil Laga Ke Bahut Sochte Rahe in Hindi by D. Raj Kanwal. Download free Duniya Mein Dil Laga Ke Bahut Sochte Rahe Poem for Youth in PDF. Duniya Mein Dil Laga Ke Bahut Sochte Rahe is a Poem on Inspiration for young students. Share Duniya Mein Dil Laga Ke Bahut Sochte Rahe with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.