एहतिशाम अख्तर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का एहतिशाम अख्तर

एहतिशाम अख्तर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का एहतिशाम अख्तर
नामएहतिशाम अख्तर
अंग्रेज़ी नामEhtisham Akhtar
जन्म की तारीख1944
जन्म स्थानKota

रौशनी का ग़ुलाम

बीते हुए कल का इंतिज़ार

हिदायत

बारिश

तआ'क़ुब

मैं सुन नहीं सकता

छोटे क़द के लोग

तुम जलाना मुझे चाहो तो जला दो लेकिन

सोच उन की कैसी है कैसे हैं ये दीवाने

शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी है

मिरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए कभी

सता रही है बहुत मछलियों की बास मुझे

मिरी हयात को बे-रब्त बाब रहने दे

ख़्वाब आँखों में निहाँ है अब भी

दिल-ए-बर्बाद को छोटा सा मकाँ भी देगा

चराग़ दिल का था रौशन बुझा गया पानी

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