फ़हीम जोगापुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़हीम जोगापुरी
नाम | फ़हीम जोगापुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Faheem Jogapuri |
वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से
तुम्हारी याद से ये रात कितनी रौशन है
तेरी यादें हो गईं जैसे मुक़द्दस आयतें
शाम ख़ामोश है पेड़ों पे उजाला कम है
रस्ते में 'फहीम' उस की तबीअत का बिगड़ना
न बात दिल की सुनूँ मैं न दिल सुने मेरी
मिलन के ब'अद आती है जुदाई
मरघट पथ पर देख के हम को जाने क्या क्या सोचें वो
कितने तूफ़ानों से हम उलझे तुझे मालूम क्या
किसी के दर पे सज्दा करते करते
जाएँगे एक रोज़ समुंदर की गोद में
हम अहल-ए-ग़म को हक़ारत से देखने वालो
बंद कमरे में तिरा दर्द न बुझ जाए कहीं
शाम ख़ामोश है पेड़ों पे उजाला कम है
दोस्ती में न दुश्मनी में हम