फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (page 4)
नाम | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Faiz Ahmad Faiz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1984 |
जन्म स्थान | Lahore |
गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़ारा का असर तो देखो
गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा
फ़रेब-ए-आरज़ू की सहल-अँगारी नहीं जाती
इक तर्ज़-ए-तग़ाफ़ुल है सो वो उन को मुबारक
इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
दिल से तो हर मोआमला कर के चले थे साफ़ हम
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
चंग ओ नय रंग पे थे अपने लहू के दम से
चमन पे ग़ारत-ए-गुल-चीं से जाने क्या गुज़री
बे-दम हुए बीमार दवा क्यूँ नहीं देते
और क्या देखने को बाक़ी है
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
ऐ ज़ुल्म के मातो लब खोलो चुप रहने वालो चुप कब तक
अगर शरर है तो भड़के जो फूल है तो खिले
अदा-ए-हुस्न की मासूमियत को कम कर दे
अब अपना इख़्तियार है चाहे जहाँ चलें
''आप की याद आती रही रात भर''
आए तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबान
आए कुछ अब्र कुछ शराब आए
ज़िंदाँ की एक सुब्ह
ज़िंदाँ की एक शाम
ज़िंदगी
ये मातम-ए-वक़्त की घड़ी है
ये किस दयार-ए-अदम में...
ये फ़स्ल उमीदों की हमदम
यास
यार अग़्यार हो गए हैं
यहाँ से शहर को देखो