शाएर लोग

हर इक दौर में हर ज़माने में हम

ज़हर पीते रहे, गीत गाते रहे

जान देते रहे ज़िंदगी के लिए

साअत-ए-वस्ल की सरख़ुशी के लिए

दीन ओ दुनिया की दौलत लुटाते रहे

फ़क्र-ओ-फ़ाक़ा का तोशा सँभाले हुए

जो भी रस्ता चुना उस पे चलते रहे

माल वाले हक़ारत से तकते रहे

तअन करते रहे हाथ मलते रहे

हम ने उन पर किया हर्फ़-ए-हक़ संग-ज़न

जिन की हैबत से दुनिया लरज़ती रही

जिन पे आँसू बहाने को कोई न था

अपनी आँख उन के ग़म में बरसती रही

सब से ओझल हुए हुक्म-ए-हाकिम पे हम

क़ैद-ख़ाने सहे, ताज़ियाने सहे

लोग सुनते रहे साज़-ए-दिल की सदा

अपने नग़्मे सलाख़ों से छन्ते रहे

ख़ूँ-चकाँ दहर का ख़ूँ-चकाँ आईना

दुख-भरी ख़ल्क़ का दुख-भरा दिल हैं हम

तब्अ-ए-शाएर है जंगाह-ए-अद्ल-ओ-सितम

मुंसिफ़-ए-ख़ैर-ओ-शर हक़्क़-ओ-बातिल हैं हम

(2310) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Shaer Log In Hindi By Famous Poet Faiz Ahmad Faiz. Shaer Log is written by Faiz Ahmad Faiz. Complete Poem Shaer Log in Hindi by Faiz Ahmad Faiz. Download free Shaer Log Poem for Youth in PDF. Shaer Log is a Poem on Inspiration for young students. Share Shaer Log with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.