फ़िक्र-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ तो छूटेगी
मिन्नत-ए-ईन-ओ-आँ तो छूटेगी
ख़ैर दोज़ख़ में मय मिले न मिले
शैख़-साहिब से जाँ तो छूटेगी
Wasi Shah
Jaun Eliya
Gulzar
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
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Habib Jalib
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ज़िंदाँ ज़िंदाँ शोर-ए-अनल-हक़ महफ़िल महफ़िल क़ुल-क़ुल-ए-मय
सारी दुनिया से दूर हो जाए
गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़ारा का असर तो देखो
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
वहीं हैं दिल के क़राइन तमाम कहते हैं
दर्द आएगा दबे पाँव
जश्न का दिन
अंजाम
ऐ शाम मेहरबाँ हो
जानता है कि वो न आएँगे
हम अहल-ए-क़फ़स तन्हा भी नहीं हर रोज़ नसीम-ए-सुब्ह-ए-वतन
दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन