Hope Poetry of Farah Iqbal

Hope Poetry of Farah Iqbal
नामफ़रह इक़बाल
अंग्रेज़ी नामFarah Iqbal
जन्म स्थानHouston TX USA

ज़रा सी रात ढल जाए तो शायद नींद आ जाए

ज़माना झुक गया होता अगर लहजा बदल लेते

वो मेरे बारे में ऐसे भी सोचता कब था

मोहब्बत का दिया ऐसे बुझा था

मिरे हम-रक़्स साए को बिल-आख़िर यूँही ढलना था

कोई जब मिल के मुस्कुराया था

ख़ुद ही दिया जलाती हूँ

हमें तो साथ चलने का हुनर अब तक नहीं आया

देखा पलट के जब भी तो फैला ग़ुबार था

दर्द का समुंदर है सिर्फ़ पार होने तक

फ़रह इक़बाल Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by फ़रह इक़बाल. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by फ़रह इक़बाल. Share the फ़रह इक़बाल Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.