गुलज़ार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का गुलज़ार (page 4)

गुलज़ार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का गुलज़ार (page 4)
नामगुलज़ार
अंग्रेज़ी नामGulzar
जन्म की तारीख1936
जन्म स्थानMumbai

एक दौर

एक और रात

दिल में ऐसे ठहर गए हैं ग़म

डाइरी

धूप लगे आकाश पे जब

देखो आहिस्ता चलो

दस्तक

चम्पई धूप

बोसकी

बे-ख़ुदी

बारिश होती है तो पानी को भी लग जाते हैं पाँव

बर्फ़ पिघलेगी

अलाव

अख़बार

अकेले

आदमी बुलबुला है

आदत

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा

ज़िक्र होता है जहाँ भी मिरे अफ़्साने का

ज़िक्र आए तो मिरे लब से दुआएँ निकलें

वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था

तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए

तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की

शाम से आँख में नमी सी है

शाम से आज साँस भारी है

सहमा सहमा डरा सा रहता है

सब्र हर बार इख़्तियार किया

रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले

फूलों की तरह लब खोल कभी

फूल ने टहनी से उड़ने की कोशिश की

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