गुलज़ार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का गुलज़ार (page 5)

गुलज़ार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का गुलज़ार (page 5)
नामगुलज़ार
अंग्रेज़ी नामGulzar
जन्म की तारीख1936
जन्म स्थानMumbai

पेड़ के पत्तों में हलचल है ख़बर-दार से हैं

ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर

मुझे अँधेरे में बे-शक बिठा दिया होता

कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है

कोई अटका हुआ है पल शायद

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी

कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार दिखे

जब भी ये दिल उदास होता है

जब भी आँखों में अश्क भर आए

हम तो कितनों को मह-जबीं कहते

हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

हर एक ग़म निचोड़ के हर इक बरस जिए

गुलों को सुनना ज़रा तुम सदाएँ भेजी हैं

गर्म लाशें गिरीं फ़सीलों से

एक परवाज़ दिखाई दी है

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई

दिखाई देते हैं धुँद में जैसे साए कोई

दर्द हल्का है साँस भारी है

बीते रिश्ते तलाश करती है

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद

ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता

आँखों में जल रहा है प बुझता नहीं धुआँ

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