Coupletss of Gulzar

Coupletss of Gulzar
नामगुलज़ार
अंग्रेज़ी नामGulzar
जन्म की तारीख1936
जन्म स्थानMumbai

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा

ज़िंदगी पर भी कोई ज़ोर नहीं

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता

ये शुक्र है कि मिरे पास तेरा ग़म तो रहा

ये रोटियाँ हैं ये सिक्के हैं और दाएरे हैं

ये दिल भी दोस्त ज़मीं की तरह

यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं

वो उम्र कम कर रहा था मेरी

वो एक दिन एक अजनबी को

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर

उसी का ईमाँ बदल गया है

तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं

शाम से आँख में नमी सी है

सहमा सहमा डरा सा रहता है

रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले

राख को भी कुरेद कर देखो

रात गुज़रते शायद थोड़ा वक़्त लगे

फिर वहीं लौट के जाना होगा

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को

कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी थी

काँच के पार तिरे हाथ नज़र आते हैं

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ

जब भी ये दिल उदास होता है

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में

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