Friendship Poetry of Habib Jalib
नाम | हबीब जालिब |
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अंग्रेज़ी नाम | Habib Jalib |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 71
Nazam 40
Couplets 22
Qita 17
Love 76
Sad 85
Heart Broken 88
Bewafa 25
Hope 44
Friendship 23
Islamic 13
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 9
बारिश 9
ख्वाब 13
Sharab 2
रोए भगत कबीर
ज़ाबता
लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी
छोड़ इस बात को ऐ दोस्त कि तुझ से पहले
आने वाली बरखा देखें क्या दिखलाए आँखों को
ज़ुल्मत को ज़िया सरसर को सबा बंदे को ख़ुदा क्या लिखना
उट्ठो मरने का हक़ इस्तिमाल करो
मुशीर
मता-ए-ग़ैर
दास्तान-ए-दिल-ए-दो-नीम
शेर से शाइरी से डरते हैं
शे'र होता है अब महीनों में
न डगमगाए कभी हम वफ़ा के रस्ते में
'मीर'-ओ-'ग़ालिब' बने 'यगाना' बने
कुछ लोग ख़यालों से चले जाएँ तो सोएँ
कौन बताए कौन सुझाए कौन से देस सिधार गए
कम पुराना बहुत नया था फ़िराक़
कैसे कहें कि याद-ए-यार रात जा चुकी बहुत
गुलशन की फ़ज़ा धुआँ धुआँ है
'फ़ैज़' और 'फ़ैज़' का ग़म भूलने वाला है कहीं
इक शख़्स बा-ज़मीर मिरा यार 'मुसहफ़ी'
दिल-ए-पुर-शौक़ को पहलू में दबाए रक्खा
दिल पर जो ज़ख़्म हैं वो दिखाएँ किसी को क्या