तुझे पाया कि तुझ को खो दिया है
ये अक्सर सोच कर दिल रो दिया है
हमारा दाग़-ए-दिल जाए न जाए
तिरा दामन तो हम ने धो दिया है
Javed Akhtar
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Gulzar
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Anwar Masood
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वो देखने मुझे आना तो चाहता होगा
चूर था ज़ख़्मों से दिल ज़ख़्मी जिगर भी हो गया
मावरा-ए-जहाँ से आए हैं
मल्का-ए-तरन्नुम नूर-ए-जहाँ की नज़्र
ग़म के साँचे में ढल सको तो चलो
शेर से शाइरी से डरते हैं
दस्तूर
नीलो
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था
मुशीर
बटे रहोगे तो अपना यूँही बहेगा लहू
कम पुराना बहुत नया था फ़िराक़