Islamic Poetry of Habib Jalib

Islamic Poetry of Habib Jalib
नामहबीब जालिब
अंग्रेज़ी नामHabib Jalib
जन्म की तारीख1929
मौत की तिथि1993
जन्म स्थानLahore

अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है

तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था

ज़ुल्मत को ज़िया सरसर को सबा बंदे को ख़ुदा क्या लिखना

मुशीर

मौलाना

ख़ुदा हमारा है

अहद-ए-सज़ा

यूँ वो ज़ुल्मत से रहा दस्त-ओ-गरेबाँ यारो

तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था

न डगमगाए कभी हम वफ़ा के रस्ते में

'मीर'-ओ-'ग़ालिब' बने 'यगाना' बने

कराहते हुए इंसान की सदा हम हैं

हम ने दिल से तुझे सदा माना

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