रंग बदला यार ने वो प्यार की बातें गईं
वो मुलाक़ातें गईं वो चाँदनी रातें गईं
Mir Taqi Mir
Gulzar
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Anwar Masood
Wasi Shah
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Habib Jalib
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1126) Peoples Rate This
मुझे शाद रखना कि नाशाद रखना
मैं वो बस्ती हूँ कि याद-ए-रफ़्तगाँ के भेस में
पिए जा
कम-बख़्त दिल बुरा हुआ तिरी आह आह का
हैरान न हो देख मैं क्या देख रहा हूँ
वफ़ा का लाज़मी था ये नतीजा
सुकून-ए-ज़िंदगी तर्क-ए-अमल का नाम है शायद
मुद्दतों तक जो पढ़ाया किया उस्ताद मुझे
दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब
तसव्वुर में भी अब वो बे-नक़ाब आते नहीं मुझ तक
है मुद्दआ-ए-इश्क़ ही दुनिया-ए-मुद्दआ
कोई दवा न दे सके मशवरा-ए-दुआ दिया