Coupletss of Haidar Ali Aatish (page 1)

Coupletss of Haidar Ali Aatish (page 1)
नामहैदर अली आतिश
अंग्रेज़ी नामHaidar Ali Aatish
जन्म की तारीख1778
मौत की तिथि1847
जन्म स्थानLucknow

ज़ियारत होगी काबे की यही ताबीर है इस की

ये दिल लगाने में मैं ने मज़ा उठाया है

ये आरज़ू थी तुझे गुल के रू-ब-रू करते

यार को मैं ने मुझे यार ने सोने न दिया

वहशत-ए-दिल ने किया है वो बयाबाँ पैदा

वही पस्ती ओ बुलंदी है ज़मीं की आतिश

उठ गई हैं सामने से कैसी कैसी सूरतें

उस बला-ए-जाँ से 'आतिश' देखिए क्यूँकर बने

ठीक आई तन पे अपने क़बा-ए-बरहनगी

तिरे अबरू-ए-पेवस्ता का आलम में फ़साना है

तलब दुनिया को कर के ज़न-मुरीदी हो नहीं सकती

तब्ल-ओ-अलम ही पास हैं अपने न मुल्क-ओ-माल

तब्ल-ओ-अलम ही पास है अपने न मुल्क ओ माल

सुन तो सही जहाँ में है तेरा अफ़्साना क्या

सिवाए रंज कुछ हासिल नहीं है इस ख़राबे में

शीरीं के शेफ़्ता हुए परवेज़ ओ कोहकन

शहर में क़ाफ़िया-पैमाई बहुत की 'आतिश'

शब-ए-वस्ल थी चाँदनी का समाँ था

सख़्ती-ए-राह खींचिए मंज़िल के शौक़ में

सफ़र है शर्त मुसाफ़िर-नवाज़ बहुतेरे

रख के मुँह सो गए हम आतिशीं रुख़्सारों पर

क़ामत तिरी दलील क़यामत की हो गई

क़ैद-ए-मज़हब की गिरफ़्तारी से छुट जाता है

पयाम-बर न मयस्सर हुआ तो ख़ूब हुआ

पयाम्बर न मयस्सर हुआ तो ख़ूब हुआ

पा-ब-गिल बे-ख़ुदी-ए-शौक़ से मैं रहता था

न पूछ हाल मिरा चोब-ए-ख़ुश्क-ए-सहरा हूँ

न पाक होगा कभी हुस्न ओ इश्क़ का झगड़ा

न जब तक कोई हम-प्याला हो मैं मय नहीं पीता

न गोर-ए-सिकंदर न है क़ब्र-ए-दारा

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