हमीद जालंधरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हमीद जालंधरी
नाम | हमीद जालंधरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hameed Jalandhari |
कविताएं
Ghazal 7
Couplets 7
Love 6
Sad 7
Heart Broken 7
Hope 3
Friendship 6
Islamic 3
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 3
Sharab 1
उन की जफ़ाओं पर भी वफ़ा का हुआ गुमाँ
सीने में राज़-ए-इश्क़ छुपाया न जाएगा
फिर गई इक और ही दुनिया नज़र के सामने
किस शान से गए हैं शहीदान-ए-कू-ए-यार
हुई मुद्दत कि उन को ख़्वाब में भी अब नहीं देखा
भूली नहीं उजड़े हुए गुलशन की बहारें
आने लगे हैं वो भी अयादत के वास्ते
सीने में राज़-ए-इश्क़ छुपाया न जाएगा
किस वहम में असीर तिरे मुब्तला हुए
कल शाम लब-ए-बाम जो वो जल्वा-नुमा था
कैसा ग़ज़ब ये ऐ दिल-ए-पुर-जोश कर दिया
कभी अपनों की यूरिश थी कभी ग़ैरों का रेला था
ऐ दोस्त दर्द-ए-दिल का मुदावा किया न जाए
आ के वो मुझ ख़स्ता-जाँ पर यूँ करम फ़रमा गया