हमीदा शाहीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हमीदा शाहीन

हमीदा शाहीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हमीदा शाहीन
नामहमीदा शाहीन
अंग्रेज़ी नामHamida Shahin
जन्म की तारीख1963

मेरा जी चाहता है

मोहब्बत पर यक़ीं था जब

तिरे गीतों का मतलब और है कुछ

सितारा है कोई गुल है कि दिल है

कौन बदन से आगे देखे औरत को

फ़ज़ा यूँही तो नहीं मल्गजी हुई जाती

यक़ीन से बाहर बिखरा सच

उल्टा चक्कर

तुम्हारे लब पे थी मैं भी

तुलूअ' से पहले

तलाक़

साहिर

रात

क़द्र-ए-मुश्तरक

प्यास दायरा बनाती है

परदेसी

न जाने कब लिखा जाए

मुश्तरका मफ़ाद

मुझे विर्सा नहीं मिला

माएँ बूढ़ी होना भूल चुकी हैं

लुग़त महदूद है

लड़कियाँ और तितलियाँ

जंगल

हज़िर-ग़ाएब

ग़म-गुसार

चोरी की भूक

प्यार ईसार वफ़ा शेर-ओ-हुनर की बातें

मिरी दुनिया का मेहवर मुख़्तलिफ़ है

मलाल ज़र्द-क़बाई को धो रहा होगा

इक जादूगर है आँखों की बस्ती में

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