हम्माद नियाज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हम्माद नियाज़ी

हम्माद नियाज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हम्माद नियाज़ी
नामहम्माद नियाज़ी
अंग्रेज़ी नामHammad Niyazi
जन्म की तारीख1984
जन्म स्थानLahore

उम्र की अव्वलीं अज़ानों में

सुन क़तार अंदर क़तार अश्जार की सरगोशियाँ

सुब्ह सवेरे नंगे पाँव घास पे चलना ऐसा है

रोज़ मैं उस को जीत जाता था

पूछता फिरता हूँ गलियों में कोई है कोई है

पेड़ उजड़ते जाते हैं

कच्ची क़ब्रों पर सजी ख़ुशबू की बिखरी लाश पर

कब मुझे उस ने इख़्तियार दिया

हम इस ख़ातिर तिरी तस्वीर का हिस्सा नहीं थे

हम ऐसे लोग जो आइंदा ओ गुज़िश्ता हैं

हार दिया है उजलत में

दिल के सूने सेहन में गूँजी आहट किस के पाँव की

दिखाई देने लगी थी ख़ुशबू

भरवा देना मिरे कासे को

बस एक लम्हा तिरे वस्ल का मयस्सर हो

आँख बीनाई गँवा बैठी तो

आख़िरी बार मैं कब उस से मिला याद नहीं

यक़ीन की सल्तनत थी और सुल्तानी हमारी

वो निगह जब मुझे पुकारती थी

उम्र की अव्वलीं अज़ानों में

सेहन-ए-आइंदा को इम्कान से धोए जाएँ

सब्ज़-खेतों से उमड़ती रौशनी तस्वीर की

जिस की सौंधी सौंधी ख़ुशबू आँगन आँगन पलती थी

जब मुंडेरों पे परिंदों की कुमक जारी थी

हुज्रा-ए-ख़्वाब से बाहर निकला

हमारे बस में क्या है और हमारे बस में क्या नहीं

गली का मंज़र बदल रहा था

दिल की याद-दहानी से

दिल के सूने सहन में गूँजी आहट किस के पाँव की

भुला दिया भी अगर जाए सरसरी किया जाए

Hammad Niyazi Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Hammad Niyazi including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Hammad Niyazi. Free Download all kind of Hammad Niyazi Poetry in PDF. Best of Hammad Niyazi Poetry in Hindi. Hammad Niyazi Ghazals and Inspirational Nazams for Students.