Bewafa Poetry (page 35)
मआल-ए-सोज़-ए-तलब था दिल-ए-तपाँ मालूम
अहसन रिज़वी दानापुरी
जिधर से वादी-ए-हैरत में हम गुज़रते हैं
अहसन रिज़वी दानापुरी
क्यूँ चुप हैं वो बे-बात समझ में नहीं आता
अहसन मारहरवी
बाहम जो हुस्न ओ इश्क़ में याराना हो गया
अहसन मारहरवी
ऐ दिल न सुन अफ़्साना किसी शोख़ हसीं का
अहसन मारहरवी
रिश्ता-ए-दिल उसी से मिलता है
अहमद निसार
हमारा देस
अहमक़ फफूँदवी
पाताल ज़मीन आसमान
अहमद ज़फ़र
डेड-हाऊस
अहमद ज़फ़र
वो फूल जो मुस्कुरा रहा है
अहमद ज़फ़र
सारा आलम धुआँ धुआँ क्यूँ है
अहमद शाहिद ख़ाँ
बात करने का नहीं सामने आने का नहीं
अहमद रिज़वान
शिकस्त-ए-अहद-ए-सितम पर यक़ीन रखते हैं
अहमद रियाज़
हम ही बदलेंगे रह-ओ-रस्म-ए-गुलिस्ताँ यारो
अहमद रियाज़
ब-वस्फ़-ए-शौक़ भी दिल का कहा नहीं करते
अहमद रियाज़
ब वस्फ़-ए-शौक़ भी दिल का कहा नहीं करते
अहमद रियाज़
सरगोशी
अहमद राही
ये दास्तान-ए-ग़म-ए-दिल कहाँ कही जाए
अहमद राही
क़याम-ए-दैर-ओ-तवाफ़-ए-हरम नहीं करते
अहमद राही
लम्हा लम्हा शुमार कौन करे
अहमद राही
लज़्ज़त-ए-आगही
अहमद नदीम क़ासमी
इक मोहब्बत के एवज़ अर्ज़-ओ-समा दे दूँगा
अहमद नदीम क़ासमी
ये हम ग़ज़ल में जो हर्फ़-ओ-बयाँ बनाते हैं
अहमद मुश्ताक़
खड़े हैं दिल में जो बर्ग-ओ-समर लगाए हुए
अहमद मुश्ताक़
हमें सब अहल-ए-हवस ना-पसंद रखते हैं
अहमद मुश्ताक़
दिल में वो शोर न आँखों में वो नम रहता है
अहमद मुश्ताक़
चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया
अहमद मुश्ताक़
सर-ब-सर पैकर-ए-इज़हार में लाता है मुझे
अहमद महफ़ूज़
वो अब तिजारती पहलू निकाल लेता है
अहमद कमाल परवाज़ी
वो सामने हैं मगर तिश्नगी नहीं जाती
अहमद फ़राज़