Funny Poetry
यूँ तूँ ख़ासी देर में जा कर इश्क़ का शोला भड़का है
इनाम-उल-हक़ जावेद
ये हमारी ईद है
अतहर शाह ख़ान जैदी
यही तो दोस्तो ले दे के मेरा बिज़नेस है
अनवर मसूद
वो हसब-ए-शहर कर लेता है मस्लक में भी तब्दीली
अज़ीज़ फ़ैसल
वैसे तो ज़िंदगी में कुछ भी न उस ने पाया
अतहर शाह ख़ान जैदी
उन के बग़ैर फ़स्ल-ए-बहाराँ भी बर्गरीज़
अनवर मसूद
उजड़ा सा वो नगर कि हड़प्पा है जिस का नाम
अनवर मसूद
टीवी
इनाम-उल-हक़ जावेद
थुरू-प्रॉपर चैनल
अनवर मसूद
ताज़ा ख़बर
अनवर मसूद
ताँक-झाँक
अतहर शाह ख़ान जैदी
ताबीरों की हसरत में कैसे कैसे ख़्वाब रहे
अतहर शाह ख़ान जैदी
सुपर-मैन
अनवर मसूद
''साहब-ज़ादे करते क्या हैं'' लड़की वालों ने पूछा
अतहर शाह ख़ान जैदी
रंग ख़ुशबू गुलाब दे मुझ को
अतहर शाह ख़ान जैदी
पटाख़ा
दिलावर फ़िगार
नाकाम मोहब्बत का हर इक दुख सहना
अतहर शाह ख़ान जैदी
मोटे शीशों की नाक पे ऐनक
अनवर मसूद
मोहब्बत माँ से और बीवी से जिस का प्यार होता है
इनाम-उल-हक़ जावेद
मरीज़-ए-दिल
इनाम-उल-हक़ जावेद
मर गया
अतहर शाह ख़ान जैदी
मैं ने सुनाया उस को जो उर्दू में हाल-ए-दिल
अज़ीज़ फ़ैसल
माहिर-ए-अमराज़-ए-चश्म
अनवर मसूद
लुत्फ़-ए-नज़्ज़रा है ए दोस्त इसी के दम से
अनवर मसूद
लोग तो रहते हैं हर लम्हा टोह में ऐसी बातों की
अनवर मसूद
कुछ इस लिए भी उसे टूट कर नहीं चाहा
अज़ीज़ फ़ैसल
किस क़दर ज़ालिम ओ वहशी था वो पागल मूज़ी
अतहर शाह ख़ान जैदी
खड़ा है गेट पे शाएर मुशाएरे के ब'अद
अतहर शाह ख़ान जैदी
कभी हो गया मयस्सर न हुआ कभी मयस्सर
अनवर मसूद
जो चोट भी लगी है वो पहली से बढ़ के थी
अनवर मसूद