Heart Broken Poetry (page 2)
ये हसरतें भी मिरी साइयाँ निकाली जाएँ
एहतिमाम सादिक़
देखते ही धड़कनें सारी परेशाँ हो गईं
एहतिमाम सादिक़
नफ़रतों की नई दीवार उठाते हुए लोग
एहतिमाम सादिक़
याद रह जाने की कोशिश
मुबश्शिर अली ज़ैदी
सियानी
मुबश्शिर अली ज़ैदी
इस्म-ए-आज़म
मुबश्शिर अली ज़ैदी
लापता
मुबश्शिर अली ज़ैदी
तिरे ख़याल के बादल उतर के आए हैं
तरुणा मिश्रा
बात में कुछ मगर बयान में कुछ
फ़ारूक़ इंजीनियर
वो निशाना भी ख़ता जाता तो बेहतर होता
अब्दुल्लाह कमाल
जो महका रहे तेरी याद सुहानी में
बीना गोइंदी
किस रंग में हैं अहल-ए-वफ़ा उस से न कहना
महमूद शाम
कैसे समझेगा सदफ़ का वो गुहर से रिश्ता
अख़्तर हाशमी
चले ही जाएगी क्या दर्द की कटारी भला
अनवर अंजुम
वो चाँद था बादलों में गुम था
असरार ज़ैदी
तुझ को अपना के भी अपना नहीं होने देना
आमिर अमीर
बशारत के कासों में
हामिद जीलानी
इस्तिआ'रा
हारिस ख़लीक़
मुसलमान और हिन्दोस्तान
हिन्दी गोरखपुरी
इंतिज़ार
अभिषेक कुमार अम्बर
हिजरत
नादिया अंबर लोधी
कंगाल
हारिस ख़लीक़
आस
ममता तिवारी
सीढ़ियाँ
ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी
बाज़-गश्त
अर्श सिद्दीक़ी
याद
एलिज़ाबेथ कुरियन मोना
भए कबीर उदास
हबीब जालिब
किसी की सदा
इब्न-ए-सफ़ी
एज़रा-पउंड की मौत पर
अख़्तर हुसैन जाफ़री
सलाम लोगो
हबीब जालिब