Heart Broken Poetry (page 3)
दश्त-ए-उम्र
काशिफ़ रफ़ीक़
इक़रार
इमरान शनावर
सुब्ह-ए-सादिक़
दर्शन सिंह
पत्थर के उस बुत की कहानी
अर्श सिद्दीक़ी
14-अगस्त
हबीब जालिब
वही मैं हूँ वही मेरी कहानी है
मोईन निज़ामी
हिजरत
ग़ज़नफ़र
हर-सम्त ताज़गी सी झरनों की नग़्मगी से कितनी
जाफ़र रज़ा
वारिस
मुबश्शिर अली ज़ैदी
इक उम्र से जिस को लिए फिरता हूँ नज़र में
अहमद फ़ाख़िर
उठा कर बर्क़-ओ-बाराँ से नज़र मंजधार पर रखना
ज़ुबैर शिफ़ाई
कब लज़्ज़तों ने ज़ेहन का पीछा नहीं किया
अनवर अंजुम
ज़ब्त की हद से भी जिस वक़्त गुज़र जाता है
शौक़ मुरादाबादी
देखे-भाले रस्ते थे
असरार ज़ैदी
बन गई नाज़ मोहब्बत तलब-ए-नाज़ के बा'द
अंजुम फ़ौक़ी बदायूनी
गुज़़रेंगे तेरे दौर से जो कुछ भी हाल हो
अंजुम फ़ौक़ी बदायूनी
वो बुत बिना निगाह जमाए खड़ा रहा
अनवर अंजुम
ये सन्नाटा है मैं हूँ चाँदनी में
अमित सतपाल तनवर
हक़ीक़त है कि नन्हा सा दिया हूँ
वलीउल्लाह वली
मज़ाक़ सहना नहीं है हँसी नहीं करनी
स्वप्निल तिवारी
मुँह अंधेरे जगा के छोड़ गई
अहमद मुश्ताक़
ज़मीं से ता-ब-फ़लक कोई फ़ासला भी नहीं
आरिफ़ अब्दुल मतीन
हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से
ए जी जोश
कोई रुत्बा तो कोई नाम-नसब पूछता है
किस को होगा तिरे आने का पता मेरे बा'द
महमूद शाम
जिस के दिल में कोई अरमान नहीं होता है
अख़्तर आज़ाद
क्यूँ यूरिश-ए-तरब में भी ग़म याद आ गए
एहतिशाम हुसैन
सुलग रहा है कोई शख़्स क्यूँ अबस मुझ में
अब्दुल्लाह कमाल
प्यार के खट्टे-मीठे नामे वो लिखती है मैं पढ़ता हूँ
बशीर दादा
दिल में वीरानियाँ सिसकती हैं
अनवर ख़लील