देशभक्तिपूर्ण Poetry (page 10)
शाम आई तो कोई ख़ुश-बदनी याद आई
अज़्म बहज़ाद
तमीज़ अपने में ग़ैर में क्या तुम्हें जो अपना न कर सके हम
अज़ीज़ क़ैसी
'मीर'
अज़ीज़ लखनवी
दो गज़ ज़मीं फ़रेब-ए-वतन के लिए मिली
अज़ीज़ हामिद मदनी
जी है बहुत उदास तबीअत हज़ीं बहुत
अज़ीज़ हामिद मदनी
इक ख़्वाब-ए-आतिशीं का वो महरम सा रह गया
अज़ीज़ हामिद मदनी
सर पर मिरे उम्र-भर रही धूप
अज़हर सईद
कल परदेस में याद आएगी ध्यान में रख
अज़हर अदीब
मिरे सुपुर्द कहाँ वो ख़ज़ाना करता था
अतीक़ुल्लाह
मुसव्विर का हाथ
अतहर राज़
काश समझदार न बनूँ
अतीया दाऊद
नाक़ूस की सदाओं से और न अज़ान से
अतीक़ मुज़फ़्फ़रपुरी
दिल लगाना चाहिए चल कर किसी हैवान से
अतीक़ मुज़फ़्फ़रपुरी
वतन-आशोब
असरार-उल-हक़ मजाज़
सानेहा
असरार-उल-हक़ मजाज़
पहला जश्न-ए-आज़ादी
असरार-उल-हक़ मजाज़
मुझे जाना है इक दिन
असरार-उल-हक़ मजाज़
ख़िराज-अक़ीदत
असरार-उल-हक़ मजाज़
ख़ाना-ब-दोश
असरार-उल-हक़ मजाज़
इंक़लाब
असरार-उल-हक़ मजाज़
हमारा झंडा
असरार-उल-हक़ मजाज़
एक जिला-वतन की वापसी
असरार-उल-हक़ मजाज़
आहंग-ए-नौ
असरार-उल-हक़ मजाज़
शैतान का फ़रमान
असरार जामई
ग़ज़ल-पैमाई
असरार जामई
ग़ैर पर लुत्फ़ करे हम पे सितम या क़िस्मत
आसिफ़ुद्दौला
ग़ज़ल में दर्द का जादू मुझी को होना था
अासिफ़ साक़िब
तीर-ए-नज़र ने आप की घाएल किया मुझे
अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन
ज़मीं पर नीम-जाँ यारी पड़ी है
अशफ़ाक़ रशीद मंसूरी
मेरे दिल में जंगल है
असग़र नदीम सय्यद