देशभक्तिपूर्ण Poetry (page 12)
आलम-ए-वहशत-ए-तन्हाई है कुछ और नहीं
अंजुम आज़मी
हर एक पल मुझे दुख दर्द बे-शुमार मिले
अनीस अब्र
मोहिब्बान-ए-वतन का नारा
आनंद नारायण मुल्ला
एक और मशवरा
अमजद इस्लाम अमजद
कमाल-ए-हुस्न है हुस्न-ए-कमाल से बाहर
अमजद इस्लाम अमजद
इल्तिजा
आमिर उस्मानी
ब-मजबूरी हर इक रंज-ओ-मेहन लिखना पड़ा मुझ को
अमीरुल इस्लाम हाशमी
पूछा न जाएगा जो वतन से निकल गया
अमीर मीनाई
पहलू में मेरे दिल को न ऐ दर्द कर तलाश
अमीर मीनाई
वस्ल की शब भी ख़फ़ा वो बुत-ए-मग़रूर रहा
अमीर मीनाई
पूछा न जाएगा जो वतन से निकल गया
अमीर मीनाई
मिरे बस में या तो या-रब वो सितम-शिआर होता
अमीर मीनाई
कहा जो मैं ने कि यूसुफ़ को ये हिजाब न था
अमीर मीनाई
जब से बाँधा है तसव्वुर उस रुख़-ए-पुर-नूर का
अमीर मीनाई
फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझ को रात भर रक्खा
अमीर मीनाई
कि जैसे कोई मुसाफ़िर वतन में लौट आए
अमीर इमाम
दुआ
अमीक़ हनफ़ी
मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा
अमीक़ हनफ़ी
हर तरफ़ उस के सुनहरे लफ़्ज़ हैं फैले हुए
अम्बर बहराईची
रूह को राह-ए-अदम में मिरा तन याद आया
अमानत लखनवी
फिर दयार-ए-हिन्द को आबाद करने के लिए
अल्ताफ़ मशहदी
वतन आज़ाद करने के लिए
अल्ताफ़ मशहदी
लम्हात-ए-आज़ादी
अल्ताफ़ मशहदी
नशात-ए-उमीद
अल्ताफ़ हुसैन हाली
मुनाजात-ए-बेवा
अल्ताफ़ हुसैन हाली
मिट्टी का दिया
अल्ताफ़ हुसैन हाली
हुब्ब-ए-वतन
अल्ताफ़ हुसैन हाली
कब्क ओ क़ुमरी में है झगड़ा कि चमन किस का है
अल्ताफ़ हुसैन हाली
दिल को दर्द-आश्ना किया तू ने
अल्ताफ़ हुसैन हाली
यहाँ हो रहीं हैं वहाँ हो रहीं हैं
आलोक यादव